19 भजन संहिता

भजन संहिता 1: 1-6

 I   क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता हैII   परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है। III   वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥ IV   दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है। V   इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर रह सकेंगे, और पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगेVI   क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा॥


भजन संहिता 2: 1-12

I. जाति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैंऔर देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैंII. यहोवा के और उसके अभिषिक्त के विरूद्ध पृथ्वी के राजा मिलकरऔर हाकिम आपस में सम्मति करके कहते हैंIII.  आओहम उनके बन्धन तोड़ डालेंऔर उनकी रस्सियों अपने ऊपर से उतार फेंके॥ IV. वह जो स्वर्ग में विराजमान हैहंसेगाप्रभु उन को ठट्ठों में उड़ाएगा। V.  तब वह उन से क्रोध करके बातें करेगाऔर क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगाकि VIमैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं VII. मैं उस वचन का प्रचार करूंगाजो यहोवा ने मुझ से कहातू मेरा पुत्रा हैआज तू मुझ से उत्पन्न हुआ। VIII. मुझ से मांगऔर मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लियेऔर दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा IXतू उन्हें लोहे के डण्डे से टुकड़े टुकड़े करेगा तू कुम्हार के बर्तन की नाईं उन्हें चकना चूर कर डालेगा X. इसलिये अबहे राजाओंबुद्धिमान बनोहे पृथ्वी के न्यायियोंयह उपदेश ग्रहण करो XI. डरते हुए यहोवा की उपासना करोऔर कांपते हुए मगन हो। XII. पुत्र को चूमो ऐसा  हो कि वह क्रोध करेऔर तुम मार्ग ही में नाश हो जाओक्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है॥ धन्य हैं वे जिनका भरोसा उस पर है॥ 

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  मत्ती 6:5-15 5   जब   तुम   प्रार्थना   किया   करो ,  तो   जैसे   लोग   कपटियों   के   समान   प्रार्थना करते है , वैसे न करो ,  क्योंकि...